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समाजसेवी अन्ना हजारे से बैर लेकर जिस उम्मीदों के साथ अरविंद केजरीवाल ने अपनी नई पार्टी (आम आदमी पार्टी) की नींव रखी थी। उस पार्टी और उनसे जुड़े लोगों पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। ईमानदारी की नींव पर खड़ी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ एक स्टिंग ऑपरेशन में अवैध चंदे की उगाही का आरोप लगा है। आम आदमी पार्टी पर अन्ना हजारे को ब्लैकमेल और उनके नाम का दुरुपयोग करने का भी आरोप है। वैसे पार्टी के नेता इसे विरोधी दलों का षड़यंत्र बता रहे हैं।
आज का मुद्दा
सवाल ‘आप’ से है जो अपने आप को आम आदमी का अगुवा मानकर चलती है।
1. क्या आम आदमी पार्टी भी देश की उन सभी पार्टियों की तरह हो चली है जो जनता के साथ छलावे में विश्वास करती हैं?
2. क्या इस आप के लिए वह सभी मुद्दे पीछे छूट गए हैं जिसके आधार पर इस पार्टी की नींव रखी गई थी ?
3. क्या अब आम आदमी पार्टी मान चुकी है कि इस देश में कोई गलत काम किए बगैर राजनीति नहीं साधी जा सकती ?
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