- 88 Posts
- 153 Comments
अदालत ने इस बहुप्रतीक्षित हत्याकांड पर फैसला सुना दिया है और तलवार दंपत्ति दोषी ठहराया गया है. इस दोहरे हत्याकांड में माहौल कुछ इस कदर से बनाया जा रहा है कि इस हत्या के आरोप की सुई आरुषि के माता-पिता राजेश तलवार और नूपुर तलवार पर हैं। सीबीआई ने अब तक कोर्ट को जो दलील दी है उसके मुताबिक नौकर हेमराज का आरुषि के साथ कुछ नाजायज संबंध था और तलवार दंपति ने 15−16 मई की रात दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था और यही वजह है कि द्वेष और गुस्से में आकर तलवार दंपत्ति ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया।
सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री की पूरी कहानी
लेकिन इस केस का दूसरा पहलू भी है। इस बहुप्रतीक्षित हत्याकांड में शक की सुई हेमराज के दोस्तों की तरफ भी घूमती है। कृष्णा, जो राजेश तलवार के क्लीनिक में हेल्पर था। राजकुमार, जो तलवार दंपत्ति के मित्रों डॉ प्रफुल्ल और अनीता दुर्रानी के यहां नौकर था और एक पड़ोसी के घर में काम करने वाला विजय मंडल। शुरुआती जांच के दौरान इन तीनों का पॉलीग्राफ, ब्रेन मैपिंग और लाई डिटेक्टर टेस्ट हुआ जिसमें यह झूठ बोलते पाए गए जबकि राजेश और नूपुर तलवार, दोनों ही इन जांचों में पाक साफ पाए गए। अब सवाल सीबीआई पर उठता है कि इस जांच संस्था ने हत्याकांड के दूसरे पहलू पर ध्यान क्यों नहीं दिया ? वह तलवार दंपत्ति पर शुरू से ही शिकंजा कसने और इस मामले में उन्हें प्रमुख आरोपी बनाने पर क्यों तुली हुई है?
आज का मुद्दा
आरुषि-हेमराज हत्याकांड मामले में सीबीआई ने दूसरे पहलू पर ध्यान क्यों नहीं दिया?
Read Comments