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कब छूटेगा मोदी का गुजरात मोह?

Today`s Controversial Issues
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आगामी लोकसभा चुनाव के तहत भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार आजकल नियमित रूप से रैलियां कर रहे हैं। पिछले गुरुवार को उन्होंने उत्तर प्रदेश में गोरखपुर की जनता को संबोधित किया। हमेशा की तरह उन्होंने अपने भाषणों में केंद्र की यूपीए सरकार को टारगेट पर रखा, लेकिन साथ ही राज्य की सपा सरकार को भी आड़े हाथों लिया।


नरेंद्र मोदी ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर सीधा वार करते हुए कहा कि इन दिनों मैं जहां-जहां जाता हूं, बाप-बेटे दोनों मेरा पीछा करते हैं। उन्होंने कहा, नेताजी गुजरात बनाने का मतलब क्या होता है, आपको पता है क्या.. गुजरात बनाने का अर्थ है 24 घंटे बिजली, लगातार 10 साल तक 10 फीसदी से ज्यादा कृषि विकास दर, 3-4 फीसदी पर लुढ़कते रहना आपकी हैसियत दर्शाता है। मेरी मानिए अकेला यूपी ही पूरे देश की गरीबी मिटाने के लिए काफी है।


भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होने के बावजूद अपने भाषणों में जिस तरह से मोदी बार-बार गुजरात की चर्चा कर रहे हैं, उनके विरोधियों का तर्क है कि मोदी यदि प्रधानमंत्री बन भी जाते हैं तो वह गुजरात के आगे पूरे देश की अहवेलना करेंगे। वह अभी से ही अपने भाषणों के जरिए क्षेत्रवाद को फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भाजपा ने इस बात का खंडन करते हुए कहा है कि मोदी भाजपा के लोकप्रिय नेता होने के साथ-साथ गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री भी हैं, इसलिए उन्हें अधिकार है कि अपने राज्य का बखान पूरे देश में करें।


याद हो कि मोदी के बारे में इसी महीने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कहा था कि, अगर आप प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं तो मुख्यमंत्री का पद छोड़ दें। सिर्फ गुजरात की बात न करें बल्कि पूरे मुल्क की बात करें।”


आज का मुद्दा

मोदी अपने भाषणों में गुजरात की चर्चा करके क्षेत्रवाद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं?

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