- 88 Posts
- 153 Comments
चुनाव नजदीक आते ही मेल-बेमेल पार्टियों का समीकरण शुरू हो जाता है। यही वह चुनावी मौसम है जब हवा का रुख भांपते हुए क्षेत्रीय दल एक पाले से दूसरे पाले में जाने के लिए रणनीति बनाते हैं। यूपीए से एनडीए में शामिल हो चुकी लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान ने अपने बेटे चिराग पासवान के साथ बिहार के मुजफ्फरपुर में बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के साथ मंच को साझा किया। आपको बताते चलें की यह वही पासवान हैं जिन्होंने 2002 में गुजरात दंगों की वजह से एनडीए को छोड़ा था।
वैसे केवल लोक जनशक्ति पार्टी ही एकमात्र ऐसी पार्टी नहीं है जो अपने विचारों को तिलांजलि देकर सत्ता का सुख भोगती है। गठबंधन सरकार के इस दौर में कुछ पार्टियों को छोड़कर लगभग कई पार्टियां अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए बेहिचक एक ग़ठबंधन से दूसरे गठबंधन की ओर रुख कर रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या क्षेत्रीय पार्टियों का मकसद केवल सत्ता प्राप्त करना है या फिर उनकी सोच सचमुच में जन कल्याण है।
आज का मुद्दा
क्षेत्रीय पार्टियों का मकसद केवल सत्ता प्राप्त करना है या फिर जनकल्याण?
Read Comments